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अंग्रेजी इतिहासकार लॉर्ड एक्टन का एक मशहूर कथन है, "सत्ता भ्रष्ट करती है और पूर्ण सत्ता तो बिलकुल भ्रष्ट करती है." यहां पूर्ण सत्ता से मतलब एक ऐसी स्थिति से है जहां लोगों को असीमित शक्ति का एहसास होता है, उन्हें लगता है अब कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है. कर्नाटक के हासन से जनता दल (सेक्युलर) के सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना पर लगे कई महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों को देखकर सत्ता के इसी हनक और सनक का आभास होता है.
लेकिन गौड़ा परिवार का सत्ता के विशेषाधिकारों से चौंधियाना कोई नई बात नहीं है. जब प्रज्ज्वल के दादा एच.डी. देवेगौड़ा देश के प्रधानमंत्री बने तो उस समय भी परिवार के सदस्यों का बड़बोलापन हावी था. मनमर्जियां थीं. परिवार के विदेश यात्रा के शौक के चलते उस समय यह परिवार देश में उपहास का पात्र भी बना. इन खबरों ने तब खूब सुर्खियां बटोरीं. उस समय इंडिया टुडे की संवाददाता हरिंदर बवेजा ने इन सब बातों पर बेंगलोर से एक विस्तृत रिपोर्ट की थी.